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पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर त्रिशताब्दी वर्ष श्रृंखला= 56 अहिल्यादेवी और लाल बहादुर शास्त्री भाग दो पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी अपनी प्रजा से बहुत स्नेह करती थी।

 पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर त्रिशताब्दी वर्ष 

श्रृंखला= 56  अहिल्यादेवी और लाल बहादुर शास्त्री भाग दो 

 पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी अपनी प्रजा से बहुत स्नेह करती थी। अहिल्यादेवी के महेश्वर को राजधानी बनाने के पीछे भी कई रहस्य छिपे हुवे हैं। अहिल्यादेवी तीर्थयात्रियों से प्रतिदिन मिलती थी, उनके निवास पर आये लोग कभी उनसे मिले बिना नहीं जाते थे तथा अहिल्यादेवी का काशी से बहुत लगाव था जब भी वे काशी जाती थी तो तीर्थयात्रियों से भेंट करती थी तथा उन्हें उपहार स्वरूप कुछ दे देती थी।


 अहिल्यादेवी की तरह ही शास्त्री जी का व्यक्तित्व था, एक बार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने बिहार के कुछ लोगो को अपने निवास पर मिलने का समय दिया था परंतु संयोग से उसी दिन विदेश से एक अतिथि के कार्यक्रम मे उन्हें जाना पड़ा इसलिये उन्हें प्रधानमंत्री निवास पहुँचने में विलंब हो गया। बिहारी लोग प्रधानमंत्री निवास मे इंतज़ार करते रहे, सचिव ने बिहारी लोगो से ओर प्रतीक्षा करने का कहां किन्तु अब बिहारी प्रतीक्षा नहीं कर पा रहे थे और वे सब वहां से चल दिये । थोड़ी ही देर मे शास्त्री जी प्रधानमंत्री निवास पहुंचे तो सचिव से पूछा कि बिहार से कुछ लोग मिलने आने वाले थे, क्या वे आ चुके हैं, सचिव ने जवाब दिया कि सर वे यहां आए तो थे  किन्तु आपकी प्रतीक्षा करने के बाद अभी-अभी यहां से निकल गए हैं। शास्त्री जी ने पूछा कि तुम्हें पता हैं वे कहां गए होंगे, सचिव बोला की बस स्टैंड, शास्त्री जी बोले मैं तुरंत बस स्टैंड जाता हूँ और उन्हें वापिस यहां बुलाकर लाता हूँ, सचिव बोला नहीं सर आप ऐसे नहीं जा सकते हैं, शास्त्री जी बोले अरे क्यों नहीं, उनसे विलंब के लिये क्षमा मांगनी होगी, एक तो वे इतनी दूर से मुझसे मिलने के लिये आए थे और बिना मिले ही जाना पड़ रहा हैं, रुको मैं सबको लेकर आता हूँ। शास्त्री जी बस स्टैंड की ओर भागे, बस स्टैंड पहुँचे तो शास्त्री जी ने देखा की लोगो के मुंह पर उदासी थी, शास्त्री जी ने वहां उपस्थित लोगो से विलंब के लिये क्षमा मांगी तथा उन्हें फिर निवास स्थान पर लेकर गये । निरंतर—-

संदर्भ - बहुआयामी व्यक्तित्व अहिल्यादेवी भाग एक 

लेखिका - आयुषी जैन 

प्रकाशन - अर्चना प्रकाशन भोपाल

संकलन- स्वयंसेवक एवं टीम 

प्रस्तुति... अशोक जी पोरवाल

🕉️हर हर महादेव

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