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अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ जयस का आंदोलन

 अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ जयस का आंदोलन

जयस और भीमसेना के संयुक्त तत्वाधान में अनुसूचित जाति/जनजाति के युवाओं ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन



बैतूल। प्रदेश एवं जिले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के समुदाय के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के विरोध में शनिवार 29 जून को युवाओं ने जयस और भीमसेना के संयुक्त तत्वाधान में एसपी कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल और पुलिस महानिदेशक को समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों से अवगत कराया गया।


ज्ञापन में बताया गया कि राज्य के विभिन्न जिलों में अनु. जाति/जनजाति के युवाओं को सरेआम पीटा जा रहा है। करीब 15 दिन पूर्व खंडवा में एक आदिवासी युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा छतरपुर जिले में एक युवक को सरेराह पीटा गया, जिसका वीडियो वायरल हुआ। हाल ही में बैतूल जिले के ससुन्द्रा आर.टी.ओ. बैरियर के पास एक युवक को बेरहमी से पीटा गया। वहीं गंज बैतूल में भी करीब 15 दिन पहले एक आदिवासी युवक को बैठने की बात पर बर्बरता पूर्वक पीटा गया। मौके पर जिला पंचायत सदस्य संदीप धुर्वे,भीमसेना प्रदेश प्रभारी पंकज अतुलकर उपस्थित थे।

-- पुलिस प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग-- 

ज्ञापन में यह भी बताया गया कि ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें बिना किसी वजह के अनु. जाति/जनजाति के युवाओं को पीटा जा रहा है और इन घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है। जयस संगठन ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि प्रत्येक जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वे अनु. जाति/जनजाति के साथ मारपीट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें। साथ ही, पुनरावृत्ति होने पर राज्य सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाए।

-- ज्ञापन सौंपने में शामिल प्रमुख युवा नेता-- 

ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में भीमसेना प्रदेश प्रभारी पंकज अतुलकर ,भीमसेना जिला अध्यक्ष सोनू मासोदकर, जिला संगठन मंत्री अलीम खान, नगर अध्यक्ष अंकित कापसे, मीडिया प्रभारी ललित चौहान, राहुल नागले, अंकुश मगरे, नाजिद खान, आर्यन अतुलकर, जित्तू ठाकुर, अरुण राठौर, सिद्धार्थ झरबड़े( भीम आर्मी)  सतीष फरतोड़े, इमरान खान , अंकित पवार, जयस जिला प्रभारी महेश शाह उइके, जयस जिला उपाध्यक्ष ऋतिक परतेसहित अनेक आदिवासी युवा शामिल थे। इन सभी ने एक सुर में मांग की कि प्रशासन इन घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान दे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे। इस ज्ञापन के माध्यम से जयस संगठन ने स्पष्ट किया है कि वे अनु. जाति/जनजाति के अधिकारों और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे।

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