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स्वयंसेवक समाज को हर क्षेत्र में नई दिशा और गति प्रदान करने वाले ऐसे स्वयंसेवक भाऊसाहेब भुस्कुटे स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन लगातार 30 वर्षों से किया जा रहा है 31 वर्ष का यह कार्यक्रम का आयोजन

 जिला हरदा टिमरनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक एवं विभिन्न दायित्व में समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी अपनी भूमिका अदा करते हुए अपने जीवन को समाज हित में परिवार के बीच में रहकर भी एक सन्यासी की तरह जीवन जीकर जिन्होंने समाज को हर क्षेत्र में नई दिशा और गति प्रदान करने वाले ऐसे स्वयंसेवक भाऊसाहेब भुस्कुटे स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन लगातार 30 वर्षों से किया जा रहा है 31 वर्ष का यह कार्यक्रम का आयोजन सरस्वती शिशु मंदिर टिमरनी में किया गया जिसमें व्याख्यानमाला के वक्ता के द्वारा उनके जीवन पर प्रकाश डाला और उनके गृहस्थ जीवन के बाद भी समाज हित में कार्य करना और सन्यासी की तरह जीवन जीना बहुत ही दिल को छूने वाला सफल रहा 





















इस व्याख्यानमाला में श्रीमान राम दत्त जी चक्रधर सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा स्वाधीनता आंदोलन में जनजाति समाज की भूमिका भाऊसाहेब भुस्कुटे स्मृति व्याख्यानमाला के कार्यक्रम के दौरान रखी गई और सभी ऐसे स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में सहभागी हुए जनजाति समुदाय के विभिन्न विभिन्न प्रकार से आंदोलन करने वाले सभी जनजाति समुदाय के स्वाधीनता सेनानियों को याद कर उनकी गाथाओं को उनकी वीर गाथाओं को उनकी शहादत को याद कर उपस्थित स्वयंसेवकों को एवं ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे आदिवासी भाई एवं माताएं बहनों को उनकी शहादत से इस देश में हुए अत्याचार दुराचार को बताया गया कि निडरता से किस तरह से भारत देश में स्वाधीनता संग्राम सेनानियों ने अंग्रेजों से लोहा लिया और अंग्रेजों को धूल चटाई बहुत ही विस्तार से इस कार्यक्रम में श्री चक्रधर जी के द्वारा लोगों को बताया गया किस तरह से सन 1700 ईस्वी से लेकर 19 47 तक किस तरह से लड़ाई लड़ी गई श्री चक्रधर जी ने बताया कि ऐसी ऐसी शहादत ए हैं कि अगर उनको याद किया जाए तो जलियांवाला बाग हत्याकांड से भी बड़े-बड़े कांड हमारे देश में हुए हैं जोकि लोगों तक जानकारी में ही नहीं है क्योंकि ऐसे कई जनरल डायर की तरह के अधिकारी हुए जिन्होंने इस तरह के अत्याचार और लोगों को कत्लेआम करना हजारों की संख्या में जहां हमारे देश में अंग्रेजी को अत्याचार को शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता अगर ऐसे पूरे अखंड भारत के इतिहास में हुए स्वाधीनता आंदोलन को याद किया जाए तो कई दिन कहीं रात गुजर सकते हैं लेकिन देश को नई दिशा नई राह नहीं ऊर्जा प्रदान करने के लिए हम सबको एक स्वर में एक भाव में कदम आगे बढ़ाना होगा वहीं इस कार्यक्रम के बाद आभार व्यक्त किया गया जिसमें सभी उपस्थित स्वयंसेवकों का एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया सम सेवकों एवं पदाधिकारियों प्रांत स्तर के एवं विभागीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में एवं जिला प्रचारक एवं स्वयंसेवकों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम का आयोजन एवं आयोजक समिति जो कि निरंतर पिछले 31 वर्षों से इसको करते आ रही है उन सभी का आभार व्यक्त किया गया इस व्याख्यानमाला में बैतूल हरदा हरसूद सांसद दुर्गादास जी एवं भारत भारती आवासीय विद्यालय के सचिव मोहन नागर जी भी इस व्याख्यानमांला में पहुंचे एवं कार्यक्रम स्थल पर लगी स्वाधीनता संग्राम में शहीद हुए सभी की झांकी प्रदर्शनी को सभी ने सराहा और उनके भाऊसाहेब भुस्कुटे स्मृति कि 30 वर्षों का सफर भी एग्जीबिशन के माध्यम से बताया गया 

चित्र के माध्यम से वीडियो के माध्यम से कार्यक्रम की एक 

झलकी....

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