खबर बैतूल मध्य प्रदेश से
खबर क्रमांक 665
Jila Baitul बैतूल नगर की समस्त शराब की दुकानों पर लगता है शाम को मेला सरकार ने बंद किए आहते लेकिन खुलेआम पीने का इंतजाम कर दुकान के सामने बैठ कर पिते हैं लोग जिला प्रशासन खामोशी से देख रहे है
नगर की जनता परेशान हो रही है नगर सीमा के अंदर होने वाली इन सभी दुकानों की वजह से नगर में जगह-जगह खाली बांटने पानी की बाटल शराब की बाटल पड़ी हुई नजर आ रही है लेकिन इस दिशा में कोई भी शुद् लेने वाला नहीं है
पुलिस प्रशासन को कोई भी जैसे इससे सरोकार नहीं है खुलेआम शराब पीने वालों पर कोई नकेल नहीं कशते जा रही बेगुनाह गलती से भी अगर धरा जाए तो उसके ऊपर सारी धाराएं लगाकर जेल भेजने की तैयारी कर देते हैं ऐसे ही कोठी बाजार क्षेत्र में होने वाली शराब दुकान पर आपको रोज शाम को पीने वालों की भीड़ नजर आएगी
बैतूल कोतवाली टीआई रविकांत डेहरिया से इस विषय में संपर्क किया गया लेकिन मोबाइल उठाना उचित नहीं समझते हैं
शाठ गांठ होने से क्षेत्र में इसी तरीके का माहौल है
गंज टी आई धुर्वे थाना प्रभारी भी इस दिशा में कोई खास एक्शन लेते नजर नहीं आ रहे हैं
क्योंकि शराब ठेकेदारों कि कहीं ना कहीं सभी पर कृपा मंडरा रही है और पीने वाले दुकान के आसपास ही डेरा डालकर बैठे हैं और जहां मर्जी आ रहा वहां बैठे हैं
अब ऐसे में आम जनता किस तरह से अपने आप को आसपास के माहौल को सुरक्षित महसूस करें बैतूल की बिगड़ती कानून व्यवस्था कहीं ना कहीं थाना क्षेत्र में हो रहे अपराध को स्पष्ट उजागर कर रहा है ।
आम जनता का कहना है
ऐसे में बैतूल के पुलिस कप्तान को चाहिए कि अपने अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारियों को अपडेट करें पुराने वर्जन में ना चले जमाना आगे बढ़ रहा है लेकिन फिर भी वही पुराना रवैया यह कहीं ना कहीं कानून व्यवस्था की लचर प्रणाली को दर्शाता है
समाज को प्रशासन से क्या चाहिए एक स्वस्थ सुरक्षित सुरक्षा प्रणाली शहर में सुख शांति का माहौल हो अपराध मुक्त शहर नगर बने ग्राम बने जहां से अपराध का जन्म होता है उसे स्थान से अपराध को खत्म करने का प्रयास किया जाना चाहिए लेकिन ऐसे बहुत सारे स्थान है जिन्हें अनदेखा कर अपराध को बढ़ावा देने में पुलिस प्रशासन कहीं ना कहीं जिम्मेदार है
आदतन अपराधियों को छोड़कर उन पर अपनी कृपा दृष्टि डालकर उन्हें एंटीसिपेटरी बैल तक का अवसर प्रदान करना यह पुलिस की कार्यप्रणाली को स्पष्ट करता नजर आ रहा है यह जिले के कई थानों में होता आ रहा है और यह हम सब जानते हैं फिर भी इस पर सभी खामोश है
यह भी एक गंभीर विषय है इस पर ध्यान देना सभी की जिम्मेदारी है अन्यथा दिन-ब-दिन हालत बिगड़ते जाएंगे और कुछ नहीं कर पाएंगे जिम्मेदार लोग हाथ खड़े कर देंगे और बेगुनाह लोक पिस्ते चले जाएंगे और गुनहगार पैसे के दम पर अपना बचाव कर लेंगे।
जनहित की खबरों पर पुलिस प्रशासन prakashak पर ही दबाव बनाती है
संपादक
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