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अंतरराष्ट्रीय शिकारी जे तमांग भी शामिल है जिसे भारत सरकार के द्वारा रेड का कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है जो फरार चल रहा है।

 एंकर नर्मदापुरम- सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र कामती/चूरना के जंगल में बाघ के शिकार के मामले करीब सात साल बाद आज कोर्ट का फैसला आया। 28 आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया गया। जिसमें चूरना,कामती,मढ़ई के आरोपी शामिल है। सीजीएम न्यायालय श्रीमती रितु वर्मा कटारिया मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नर्मदापुरम ने अपने निर्णय में आज वाघ के शिकार के मामले में 28 आरोपियों को 5- 5 साल की सजा और 10- 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। 8 आरोपी अभी फरार है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय शिकारी जे तमांग भी शामिल है जिसे भारत सरकार के द्वारा रेड का कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है जो फरार चल रहा है। 



वीओ01- जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि 13 जुलाई 2015 को सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, नर्मदापुरम के वन परिक्षेत्र कामती/चूरना के शासकीय जंगल कोर क्षेत्र में महावत मनीराम एवं गन्नूलाल ने गश्ती के दौरान 8-10 व्यक्तियों को वन परिक्षेत्र कामती के शासकीय जंगल में अवैध प्रवेश करते हुए देखा। इसकी सूचना उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। मौके पर आरोपीगणों का पीछा किया,परंतु वे जंगल में भाग गये थे। आरोपीगणों के पदचिन्हों का पीछा किया। घटना स्थल की तलाशी लेने पर वन्य प्राणी पैंगोलिन की खपडियां,चाकू एवं अन्य सामाग्री घटना स्थल पर मिली थी। मप्र टाईगर स्ट्राईक फोर्स के अधिकारियों के द्वारा विवेचना के दौरान आरोपियों से वन्य प्राणी बाघ (टाईगर) की एक खाल जब्त की गयी थी।



बाघ मप्र वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1971 की अनुसूचिका स्तनधारी प्राणी है, जिसे बोलचाल की भाषा में शेर कहा जाता है। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। 


बाइट- राजकुमार नेमा ( जिला अभियोजन अधिकारी    नर्मदापुरम )


खबर संजय सैनी

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