दीवाल पोत दूंगा

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राष्ट्रीय अध्यक्ष जर्नलिस्ट एंड प्रेस एंप्लाइज वेलफेयर सोसाइटी द्वारा प्रेस अधिकारों के संरक्षण के लिए चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता के लिए प्रेस मीडिया हित में वायरल कोतवाली पत्र के आधार पर जारी

 दीवाल पोत दूंगा डीपीडी इंडिया न्यूज़
 जिला बैतूल पुलिस बेवजह केस को घुमाने का प्रयास कर रही है जबकि चश्मदीद तो खुद विजय रघुवंशी है जो खुद बता सकता कितने लोग थे कहां के थे तो उससे पूछने की बजाएं  वीडियो बनाने वाले को डराने धमकाने का प्रयास कर मीडिया के हमारे सूत्र को छेड़ने का प्रयास पुलिस के द्वारा किया जा रहा है जो कि निंदनीय है पुलिस अपने ही कर्मचारी से पूछ सकती है क्योंकि खुद वहां जुआ खेलते हुए स्पष्ट नजर आ रहा है इसमें निर्माण करने वाले वीडियो के व्यक्ति का क्या दोष है उसमें तो आपकी आंखों को खोलने के लिए अपनी ओर से एक अच्छा कार्य कर आपके समक्ष वीडियो प्रस्तुत किया है अब यहां पुलिस अपनी भूमिका अदा करें और अपने ही कर्मचारी से पूछताछ कर बाकी लोगों पर अपराधिक मामला पंजीबद्ध कर उन्हें जेल भेजें उसके लिए अखबार के मालिक एवं अन्य सोशल मीडिया पर प्रसारित करने वाले चैनलों को इस तरह नोटिस देना गैर कानूनी है क्योंकि आप सीधा सीधा चौथे स्तंभ पर प्रहार कर रहे हैं क्योंकि हमारी मीडिया की ओर से किसी भी प्रकार का कोई भी ऐसा कृत्य नहीं किया गया जो कि जनमानस के लिए गलत संदेश पहुंचाता हो साफ साफ दिख रहा है  की प्रधान आरक्षक विजय रघुवंशी जुआ खेलते हुए और साथ में अपने वायरलेस सेट को भी ड्यूटी के दौरान रखकर साथ में खेल रहे हैं तो फिर हम मीडिया कर्मियों से पूछने का क्या अधिकार पुलिस को है पुलिस को हमने कार्यप्रणाली का चश्मा दिखाया है वर्दी का कैसे सम्मान किया गया है ऐसे कृत्य दोबारा ना हो और सच्चाई को बताने के लिए यह समाचार प्रसारित किया जिसके लिए हम उत्तरदायित्व केवल इतना रखते हैं कि जो कार्य गलत था उसे हमने हमारे सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया अब सही और गलत का फैसला माननीय न्यायालय के समक्ष होगा इसकी पुष्टि के लिए अब हमारी ओर से माननीय न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जाएगा जोकि न्याय हित में सही होगा क्योंकि जिस तरह से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पुलिस के द्वारा कुठाराघात किया जा रहा है वह सीधे-सीधे व्यक्ति की स्वतंत्रता एवं निष्पक्षता निडरता को अपने वर्दी के प्रभाव से डरा धमका कर हमारे गोपनीय सूत्र जो कि हमें जानकारी प्रदान करते हैं उनको पूछने का पुलिस को कोई भी अधिकार नहीं है और हमारे द्वारा यह कदापि नहीं बताया जाएगा कि हमारे किस व्यक्ति ने यह कार्य किया है अगर पुलिस चौककनी थी तो वर्दी में खुद वर्दीधारी जुआ खेलते हुए कैसे नजर आ रहा है यह स्पष्ट दिख रहा है कि इस तरह से पुलिस के संरक्षण में जुआ खेला और खिलाया जाता है अब इसमें स्पष्ट हो चुका है तो जांच के लिए आपके समक्ष वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा आरक्षक प्रधान आरक्षक दोषी है उनसे पूछताछ कर अपने केस की कार्यवाही को आप पूरी कर सकते हैं 

राष्ट्रीय अध्यक्ष जर्नलिस्ट एंड प्रेस एंप्लाइज वेलफेयर सोसाइटी द्वारा प्रेस अधिकारों के संरक्षण के लिए चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता के लिए प्रेस मीडिया हित में जारी

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