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आरामदायक जीवनशैली के कारण होती है हृदय संबंधी बीमारियां: डॉ. ए.के. तिवारी विश्व हृदय दिवस जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

 आरामदायक जीवनशैली के कारण होती है हृदय संबंधी बीमारियां: डॉ. ए.के. तिवारी

विश्व हृदय दिवस जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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बैतूल। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ए.के. तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व ह्नदय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के सभाकक्ष में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. तिवारी ने बताया कि वर्तमान में आरामदायक जीवनशैली के कारण खान-पान में हुए परिवर्तन के कारण तेज गति से हृदय संबंधी बीमारियां सामने आ रही हैं। ह्नदय मांसपेशियों से बना एक पम्प है, जो सारे शरीर में रक्त प्रवाह का संचालन करता है। शरीर के सभी अंगों को जीवित रहने के लिए एवं सुचारू रूप से कार्य करने के लिए ऑक्सीजन, ग्लूकोज व कई अन्य महत्वपूर्ण तत्वों की निरंतर जरूरत रहती है। यह सभी खून द्वारा ही विभिन्न अंगो को पहुंचाये जाते हैं। जीवित रहने का आधार निरंतर रक्त प्रवाह ही है। इस रक्त प्रवाह को निरंतर जारी रखने का काम जो पम्प करता है वह ह्नदय ही है। ह्नदय को काम करने के लिये स्वयं ऑक्सीजन एवं ग्लूकोज की जरूरत होती है। जब हृदय की मांसपेशियों को खून पहुंचना बन्द हो जाता है ऐसी स्थिति को हार्ट-अटैक कहते है। जिसमें मरीज को छाती मे तीव्र दर्द होता है, बेचैनी एवं घबराहट महसूस होती है तथा पसीना भी आता है। यदि हृदय के बड़े भाग मे खून पहुंचना बंद हो जाये तो वहां की मांसपेशियां निष्क्रिय हो जाती हैं। इससे हृदय खून पम्प नहीं कर पाता और मरीज का ब्लड प्रेशर गिरने लगता है एवं मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। सही समय पर इलाज न मिलने से हार्ट-अटैक के बाद लगभग 15 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु कुछ ही घंटांे मे ही हो सकती है। समय पर उचित इलाज मिलने पर इस मृत्यु दर को लगभग आधा किया जा सकता है।

सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा ने बताया कि कोलेस्ट्राल के बढ़े रहने से नलिकाओं की अंदरूनी सतह पर वसा के थक्के जम जाते हैं एवं मधुमेह मंे शुगर बढ़े होने से इन्ही के उपर खून के थक्के भी जमने लगते हैं। यही सब प्रक्रियाएं धीरे-धीरे नलिकाओं को सिकोड देती हैं। ऐसी किसी भी जगह पर एकाएक खून के जम जाने से नलिकाएं पूरी तरह चोक हो जाती हैं एवं मरीज को हार्ट-अटैक हो जाता है। यदि हार्ट-अटैक होने के लगभग 3-4 घंटे के अंदर ही खून के थक्के धुलने की दवाईयां मरीज को दी जायें तो रूकावट दूर की जा सकती है एवं हृदय की मांसपेशियों को बचाया जा सकता है। आमतौर पर हार्ट-अटैक के प्रमुख लक्षण सीने के बीचांे-बीच तीव्र दर्द होना एवं पसीना आना है। यह दर्द बायें हाथ में, जबड़ों में, दोनों हाथों एवं कंधों मे भी महसूस किया जा सकता है। 

जिला मीडिया अधिकारी श्रीमती श्रुति गौर तोमर ने बताया कि ह्नदय रोग के कारणों में हाई बी.पी. (हाइपरटेंशन), मधुमेह, खुन में वसा के अनुपात में गड़बड़ी, मोटापा, व्यायाम की कमी, धूम्रपान या तम्बाकु का सेवन, गरिष्ठ एवं वसा युक्त भोजन, आनुवांशिकता, एवं हृदय रोग का होना सम्मिलित हैं। हार्ट अटैक से बचाव हेतु वजन पर नियंत्रण करना, नियमित व्यायाम करना, मानसिक तनाव से दूर रहना, स्वस्थ खान पान रखना, तेलीय खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना, भरपूर नींद लेना, भोजन में नमक व चीनी की कम मात्रा रखना अत्यंत आवश्यक है। 

 विश्व ह्नदय दिवस के अवसर पर खान-पान में शुद्धता, पौष्टिक आहार एवं नियमित जीवन शैली अपनाये जाने हेतु शपथ भी ग्रहण की गई। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

जिला चिकित्सालय बैतूल में विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में 50 वृद्धजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिनका ई.सी.जी. करवाकर उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया गया। जिला चिकित्सालय में आर.एम.ओ. डॉ. रानू वर्मा, जिला क्षय अधिकारी डॉ. आनंद मालवीय, एन.सी.डी. नोडल अधिकारी डॉ. भावना कवडकर सहित अन्य स्टाफ उपस्थित रहा।





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